शुक्रवार, मार्च 24, 2017

ख्वाब मेरें

ख्वाब मेरे नन्हे नन्हे छोटे छोटे उड़ते है उमड़ते है
छूने को आसमान
पाने को एक पहचान
सैलाब जैसे उठते है
ख्वाब मेरे नन्हे नन्हे छोटे छोटे उड़ते है उमड़ते है
इन्द्रधनुष के रंगो से चमकते है
कभी गीली मिटटी कि खुशबु में पिघलते है
देख के आंसू दिल में सिमटते है
तो कभी सपनो के बादलो में मचलते है
ख्वाब मेरे नन्हे नन्हे छोटे छोटे उड़ते है उमड़ते है

प्रदूषण नियंत्रण

आजकल उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया हैं और अगर ये कहे कि ये सिर्फ दिल्ली या उससे जुड़े हुए राज्यो तक सीमित हैं तो कहना गलत होगा ।...